सिर्फ एक महीने में चर्बी कम करना है, तो रोज करें ये काम

हेल्थ डेस्क: अक्सर हमारे साथ ऐसा होता है कि हम घंटों जिम में वजन कम करते हैं, डाइटिंग करते हैं, लेकिन फिर भी हमारा वजन कम नहीं हो पाता। हम अपनी खान-पान की चीजों के साथ समझौता करके अपनी डाइट में हर वो चीज अपनाते है जिससे हम पतले हो जाएं। लेकिन इन सबके बाद भी वजन कम न हो तो फिर इस काम को करके आप अपने मोटापा से निजात पा सकते है। इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत ही नहीं करनी पडेगी।

गर्मियों का मौसम आ गया है। इस मौसम में आप आसानी से अपना वजन घटा सकते है। जिसमें आपको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पडेगी। इसलिए बस आपको अपने दिनचर्या के खान-पान में थोड़ा बदलाव करना होगा। अगर आपका वजन ज्यादा हुआ तो आप ठीक ढंग के कपड़े नही पहन पाते जिसके कारण आपको थोडा शर्मिदा होना पडता है। इसके लिए आप डाइटिंग करते है कई दवाओं का इस्तेमाल करते है।

इन दवाओं का प्रभाव तभी तक रहता है जब तक की आप इनका इस्तेमाल करते है। यदि आप अपना लुक बदलना चाहते है तो इसके लिए आपको अपने आपको बदलना होगा। जिस तरीके से अब तक आपका वजन बढ़ता है। अगर ऐसा ही रहा तो आपका कभी भी वजन कम नही होगा। बस ठीक ढंग का खान-पान आपको ध्यान देना होगा।

ढेर सारी मेहनत करने बाद भी हम हफ्ते भर में डेढ़ किलों वजन कम कर पाते है, लेकिन अगर हम आपसे कहें कि आप एक दिन में इतना वजन कम सकते है, तो आप कहेगे ऐसा हो ही नहीं सकता है। लेकिन ये सच है कि अपने दिनचर्या में थो़ड़ा बदलाव कर आप इस समस्या से निजात पा सकते है। बिना ज्यादा मेहनत किए। जानिए कैसे एक दिन में डेढ़ किलों वजन कम कर सकते है।

रोजाना आपको इन कामों को करना होगा। इन तीन कामों से हम जल्द ही स्लिम बॉडी पा जाएगे। जानिए इन कामों के बारें में। इन तीन तरीकों को यदि आप रोज़ाना नियमानुसार अपना लें, तो कुछ ही दिनों में आपको शारीरिक बदलाव जरूर दिखेगा। 1 महीने तक इस तरीकों को करने से आपका असर खुद नजर आ जाएगा।

रोजाना कम से कम 5-6 लीटर पानी पीना चाहिए। और इनके बीच के अंतर को जरुर ध्यान रखें। कम से कम दो घंटे के अंतराल में 2 गिलास पानी पिएं। इससे आपका फैट बर्न होगा। साथ ही आपके शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाएंगे। जिससे आपको वजन आसानी से कम हो जाएगा। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पानी नार्मल पिएं। जिससे कि आपको कोई दूसरी समस्या न हो।

वजन कम करने के लिए दूसरा तरीका है ग्रीन टी। ग्रीन टी प्राकृतिक रूप से वजन कम करने के औषधिय गुण मौजूद होते है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट के अलावा कई ऐसे तत्व पाएं जाते है तो आपके पेट को कम करने में फायदेमंद होते है। एक रिसर्च के अनुसार यदि ग्रीन टी के साथ व्यक्ति व्यायाम को भी अपनी दिनचर्या में अपना ले, तो वह 17% तक अधिक फैट बर्न कर सकता है। दिन में केवल ज्यादा से ज्यादा दो कप ग्रीन टी लें।

तीसरा काम है। अधिक मात्रा में खीरा का सेवन। रोजाना अधिक मात्रा में खीरा का सेवन करने से आपका वजन तो कम होगा ही। साथ ही आप कई बीमारियों से बचे रहेगे। साथ ही आपकी स्किन में ग्लो आएगा। खीरा में अधिक मात्रा में विटामिन सी और के पाया जाता है जो कि आपके शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करता है।

साथ ही इसमें अधिक मात्रा में पानी भी पाया जाता है। इसे आप लंच, डिनर या किसी भी समय ले सकते है। इसका आप सलाद भी का सकते है। रोज एक प्लेट खा लें। इससे आपकी भूख भी कुछ कम हो जाएगी और आप कैलोरी का सेवन भी कम करेंगे।

Khabar India TV09 May. 19:08

लहसुन खाओ स्वस्थ रहो

लहसुन हमेशा से भारतीय सब्जियों की जान रही है. सब्जी का स्वाद बढ़ाने के लिए लहसुन का होना बहुत जरूरी होता है. यदि आप लहसुन खान पसंद नहीं करते तो एक बार फिर सोच लीजिए. इसे खाने से कई तरह के स्वस्थ लाभ होते है.

1. सांस भरने, निम्न रक्त चाप, उच्च रक्त शर्करा जैसी स्थितियों में लाभ लेने के लिए लहसुन के प्रयोग की सलाह दी जाती है.
2. लहसुन का उपयोग तनाव दूर करने वाला है,थकान दूर करता है.
3. यह यकृत के कार्य को सुचारू बनाती है.
4. चमड़ी के मस्से ,दाद  भी लहसुन के लेप से ठीक हो जाते है.
5. लहुसन को कच्चा खाने से वीर्य की मात्रा बढ़ती है.
नोट: जब भी लहुसन ख़रीदे ताज़ी ही ले. इसका कारण यह है कि लहसुन की ताजी गाँठ ज्यादा असरदार होती है. पुरानी  लहसुन कम प्रभाव दिखाती है.

NewsTrackLive10 May. 07:52

दाग, धब्बे, कील, मुंहासे दूर करने के लिए इस्तेमाल करें नीम के पत्ते

हम सभी जानते हैं कि नीम के पत्ते हमारी सेहत तथा सुंदरता को निखारने में कितना योगदान देते हैं। नीम एक ऐसा पेड़ है जो हमारे घरों के आस पास आसानी से प्राप्त हो जाता है।

नीम एक आयुर्वेदिक दवा है जिससे शरीर के अंदर - बाहर के सभी रोग दूर होते हैं। अगर आपको चमकदार और दाग-धब्बे रहित त्वचा चाहिये, तो आप नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर उसके पानी को चेहरे पर लगा सकती हैं। नीम के पत्ते तथा संतरे के छिलके को पानी में उबालकर इस पानी को ठंडा करके इससे मुंह धोने पर पिंपल्स दूर होते हैं। ऐसे ही कई और भी फायदे हैं इस नीम के पानी के, दाग, धब्बे, कील, मुंहासे और झुर्रियों को दूर करना है तो अभी से प्रयोग करना शुरु कर दें नीम की पत्तियों वाला पानी...

1. त्वचा में नमी पहुंचाए आप नीम के पानी को शहद या कच्चे दूध के साथ मिक्स कर के चेहरे पर लगा सकती हैं। नीम का पानी रूखापन कम करता है और चेहरे में नमी भरता है।

2. चेहरे के काले दाग हटाए चेहरे की भीतरी त्वचा में समाए काले रंग के दाग को नीम का पानी गायब कर देता है।

3. चेहरे मे चमक भरे नीम के पानी में एंटी माइक्रोबियल फार्मूला होता है जिससे त्वचा से संबन्धित कई सारे रोग जैसे, मुंहासे और उसके दाग, रूखापन और झुर्रियां दूर हेाती है। जब चेहरे से सारे दाग धब्बे दूर हो जाएंगे तो चेहरा चमकदार दिखाई देना शुरु हो जाएगा।

4. त्वचा बनाएं गोरा नीम का पानी आपके चेहरे को सूरज की घातक किरणों से होने वाले नुकसान से बचाता है। यह त्वचा के अदंर बनने वाले मेलेनिन तथा तेल को अधिक बनने से रोकता है।

5. ब्लैकहेड्स हटाए यह नीम का पानी एक डीप क्लींजर की तरह भी काम करता है क्योंकि इसमें एंटी बैक्टीरियल तत्व होता है। यह त्वचा के पोर्स में समाई गंदगी को पूरी तरह से निकाल देता है।

6. आंखों के काले घेरे हटाए नीम के पानी के साथ चंदरपाउडर मिक्स कर के आंखों के काले घेरे पर लगाएं। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढेगा और कालापन मिटेगा।

SamacharJagat10 May. 14:23

15 दिन में सफ़ेद बालों को करे काला

कुछ दिनों तक, नहाने से पहले रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं. बाल सफेद से काले होने लगेंगे. 7- नीबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर सिर पर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं. तिल का तेल भी बालों को काला करने में कारगर है. आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए. 15 मिनट बाद बाल धो लें. बाल सफेद से काले होने लगेंगे.

तुरई या तरोई के टुकड़े कर उसे धूप मे सूखा कर कूट लें. फिर कूटे हुए मिश्रण में इतना नारियल तेल डालें कि वह डूब जाएं. इस तरह चार दिन तक उसे तेल में डूबोकर रखें फिर उबालें और छान कर बोतल भर लें. इस तेल की मालिश करें. बाल काले होंगे.

नींबू के रस से सिर में मालिश करने से बालों का पकना, गिरना दूर हो जाता है. नींबू के रस में पिसा हुआ सूखा आंवला मिलाकर सफेद बालों पर लेप करने से बाल काले होते हैं. घी खाएं और बालों के जड़ों में घी मालिश करें.

NewsTrackLive13 May. 06:02

रोज एक चम्‍मच जीरे के सेवन से तीन गुना तेजी से कम होता है

जीरा, एक ऐसा मसाला है जो खाने में बेहतरीन स्वाद और खुशबू देता है। इसकी उपयोगिता केवल खाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी हैं। कई रोगों में दवा के रूप में इसका इस्‍तेमाल किया जाता है। जीरे में मैंगनीज, लौह तत्व, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होता है। इसे मेक्सीको, इंडिया और नार्थ अमेरिका में बहुत उपयोग किया जाता है। इसकी सबसे खासियत यह है कि यह वजन तेजी से कम करता है। इस लेख में विस्‍तार से जानिये कैसे जीरे के सेवन से कम होता है वजन।

जीरा खाएं मोटापा घटाएं
वजन कम करने के लिए भी जीरा बहुत उपयोगी होता है। एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि जीरा पाउडर, के सेवन से शरीर मे वसा का अवशोषण कम होता है जिससे स्वाभाविक रूप से वजन कम करनें में मदद मिलती है। एक बड़ा चम्‍मच जीरा एक गिलास पानी मे भिगो कर रात भर के लिए रख दें। सुबह इसे उबाल लें और गर्म-गर्म चाय की तरह पिये। बचा हुआ जीरा भी चबा लें।

इसके रोजाना सेवन से शरीर के किसी भी कोने से अनावश्यक चर्बी शरीर से बाहर निकल जाता है। इस बात का विशेष ध्यान रखे की इस चूर्ण को लेने के बाद 1 घंटे तक कुछ न खायें। भुनी हुई हींग, काला नमक और जीरा समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, इसे 1-3 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार दही के साथ लेने से भी मोटापा कम होता है। इसके सेवन से न केवल शरीर से अनावश्यक चर्बी दूर हो जाती है बल्कि शरीर में रक्त का परिसंचरण भी तेजी से होता है। और कोलेस्‍ट्रॉल भी घटता है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

1) इस दवाई को लेने के बाद रात्रि में कोई दूसरी खाद्य-सामग्री नहीं खाएं। यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है, तम्बाकू-गुटखा खाता या मांसाहार करता है तो उसे यह चीजें छोड़ने पर ही दवा फायदा पहुचाएंगी। शाम का भोजन करने के कम-से-कम दो घंटे बाद दवाई लेनी है।

2) जीरा हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाकर हमें ऊर्जावान रखता है। साथ ही यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी बढ़ता है। इससे ऊर्जा का स्‍तर भी बढ़ता है और मेटाबॉलिज्म का स्‍तर भी तेज होता है। हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के साथ-साथ फैट बर्न की गति को भी बढ़ाता है। पेट से सबंधित सभी तरह की समस्याओं में जीरे का सेवन लाभकारी है।

3) जीरे का नियमित इस्तेमाल शरीर की शोधन की प्रक्रिया को तेज करता है। मोटापा कम करने के अलावा भी जीरा कई तरह की बीमारियों में लाभदायक है।

नजले का इलाज

आजकल गंभीर विमारियों में एक वीमारी नजला व साइनस की है , जब भी मै रोगियों की चिकित्सा हेतु जाता हूँ मुझे अनेक रोगी मिले । जिस पर मैंने कुछ दवाओं द्वारा सफलता प्राप्त की है ।

       एक बात मै स्पष्ट करना चाहूँगा कि अनेक नजला के रोगियों के संतानों के भीतर मुझे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में कमी नजर आयी जो कि वेहद दुखद है ।

छींक आना , बार - बार जुखाम होना , नाक में खुजली होना आदि , यह इसके प्रमुख लक्षणों में से एक है ।

  आजकल यह एक असाध्य रोग होता जा है ।
कई रोगियो से प्राप्त अनुभव से प्रतीत होता है ,कि ये  रोगी को धीरे धीरे नपुंसकता की ओर लेकर जाता है ।
   नजला रोग कफ की श्रेणी में आता है , और कफ की समुचित मात्रा ही वीर्य को पुष्ट करता है ।

यह आपके गंजेपन में भी अहम कारण की भूमिका निभाता है  ।।

यह आपकी निर्णायक बुद्धि को प्रभावित करता है ।

आपके स्वाभाव में चिड़चिड़ा पन बढ़ता जाता है ।
नजला के रोगी कभी कभी कब्ज़ की भी समस्या बनी रहती है ।
आदि आदि लक्षणों युक्त मुझे विभिन्न शिविरों में रोगी मिले

, यदि उनके लक्षणों पर और प्रकाश डालूँ तो यह एक लम्बा विषय बन जाता है ।
पर इस रोग को बिस्तृत न करते हुए कुछ बिंदुओं पर आते हुये आपको
बताना चाहूँगा कि इसके निदान हेतु
आप सबसे पहले रेचक दवाये ले
ताकि आपका पेट सही से अपना काम कर सके  ।।
1. शौच आदि से निवृत होकर शोधित सेंधा नमक को घुनघुने पानी में घोल कर गरारे करे ।

और दोनों नाको से  पानी को बार वार खींचे व  छोड़े ये क्रम कम से कम 3 से 5 मिनट तक अवश्य करे ।।

2.  सुबह सूर्योदय के समय शौच आदि से निवृत होकर ( दोना मरुआ )  के पतों का रस 4 - 4 बूंद नाक में डाले ।

3. नाक बंद रहने पर शोधित हल्दी को एक गाय के जले धूम्र रहित उपले पर डालकर सूंघे ।

4 . दोना मरुआ के पत्तों का लगभग 3 से 5 लीटर रस से अर्क निकाल कर
काँच की शीशी में रखे , और 5 से 10 बूँद आधा कफ पानी में 2 वार सेवन करें ।

5 . छोटी पीपल, काकड़ा सिंगी, नागोरी असगन्ध, अतीस, समान मात्रा में पीसकर 3 से 5 ग्राम शुद्ध देशी शहद में 2 वार सेवन करे, 

ये बाह्यऔर आंतरिक प्रयोग आपके शरीर की।
आदत बदल कर आपको रोग से  पूर्ण निजात दिलाएगा।।

विस्तृत जानकारी व बेध्यकीय सानिध्य मे निर्मित औषधि हेतु संपर्क करे ।

रोग मुक्ति अभियान से
शास्त्री बृजमणि
आयुर्वेद चिकित्सक
+919412878990
व्हात्सप्प या कॉल

🌷 भारतीय नारी संजीवनी 🌷
नोट -समूहो की अधिकता के चलते अपना बिवरण पर्सनल दे

मोटापा कम करने के कुछ आयुर्वेदिक उपाय

गेहूं ,चावल,बाजरा और साबुत मूंग को समान मात्रा में लेकर सेककर इसका दलिया बना लें ! इस दलिये में अजवायन 20 ग्राम तथा सफ़ेद तिल 50 ग्राम भी मिला दें ! 50 ग्राम दलिये को 400 मि.ली.पानी में पकाएं ! स्वादानुसार सब्जियां और हल्का नमक मिला लें ! नियमित रूप से एक महीनें तक इस दलिये के सेवन से मोटापा और मधुमेह में आश्चर्यजनक लाभ होता है-

अश्वगंधा के एक पत्ते को हाथ से मसलकर गोली बनाकर प्रतिदिन सुबह,दोपहर,शाम को भोजन से एक घंटा पहले या खाली पेट जल के साथ निगल लें ! एक सप्ताह के नियमित सेवन के साथ फल,सब्जियों,दूध,छाछ और जूस पर रहते हुए कई किलो वजन कम किया जा सकता है -

मूली के रस में थोडा नमक और निम्बू का रस मिलाकर नियमित रूप से पीने से मोटापा कम हो जाता है और शरीर सुडौल हो जाता है -

आहार में गेहूं के आटे और मैदा से बने सभी व्यंजनों का सेवन एक माह तक बिलकुल बंद रखें तथा इसमें रोटी भी शामिल है अब  अपना पेट पहले के 4-6 दिन तक केवल दाल,सब्जियां और मौसमी फल खाकर ही भरें और दालों में आप सिर्फ छिलके वाली मूंग कि दाल ,अरहर या मसूर कि दाल ही ले सकतें हैं चनें या उडद कि दाल नहीं तथा सब्जियों में जो इच्छा करें वही ले सकते हैं  गाजर,मूली,ककड़ी,पालक,पतागोभी,पके टमाटर और हरी मिर्च लेकर सलाद बना लें . सलाद पर मनचाही मात्रा में कालीमिर्च,सैंधा नमक,जीरा बुरककर और निम्बू निचोड़ कर खाएं  बस गेहूं कि बनी रोटी छोडकर दाल,सब्जी,सलाद और एक गिलास छाछ का भोजन करते हुए घूंट घूंट करके पीते हुए पेट भरना चाहिए . इसमें मात्रा ज्यादा भी हो जाए तो चिंता कि कोई बात नहीं . इस प्रकार 6-7 दिन तक खाते रहें . इसके बाद गेहूं कि बनी रोटी कि जगह चना और जौ के बने आटे कि रोटी खाना शुरू करें फिर  5 किलो देशी चना और एक किलो जौ को मिलकर साफ़ करके पिसवा लें ! 6-7 दिन तक इस आटे से बनी रोटी आधी मात्रा में और आधी मात्रा में दाल,सब्जी,सलाद और छाछ लेना शुरू करें .एक महीने बाद गेहूं कि रोटी खाना शुरू कर सकते हैं लेकिन शुरुआत एक रोटी से करते हुए धीरे धीरे बढाते जाएँ . भादों के महीने में छाछ का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए इस महीनें में छाछ का प्रयोग नां करें -..

एरण्ड की जड़ का काढ़ा बनाकर उसको छानकर एक एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में तीन बार नियमित सेवन करने से मोटापा दूर होता है -

चित्रक कि जड़ का चूर्ण एक ग्राम की मात्रा में शहद के साथ सुबह शाम नियमित रूप से सेवन करने और खानपान का परहेज करनें से भी मोटापा दूर किया जा सकता है -

बिना बुझा चूना 15 ग्राम पीसकर 250 ग्राम देशी घी में मिलाकर कपड़े में छानकर सुबह-शाम 6-6 ग्राम की मात्रा में चाटने से मोटापा कम होता है-

सहजन के पेड़ के पत्ते का रस 3 चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा का ढीलापन दूर होता है और चर्बी की अधिकता कम होती है-

अर्जुन के 2 ग्राम चूर्ण को अग्निमथ के काढ़े में मिलाकर पीने से मोटापा दूर होता है-

भृंगराज के पेड़ के ताजे पत्ते का रस 5 ग्राम की मात्रा में सुबह पानी के साथ प्रयोग करने से मोटापा कम होता है-

विडंग के बीज का चूर्ण 1 से 3 ग्राम शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से मोटापा में लाभ मिलता है।

वायविंडग, सोंठ, जवाक्षार, कांतिसार, जौ और आंवले का चूर्ण शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा में दूर होता है-

तुलसी के कोमल और ताजे पत्ते को पीसकर दही के साथ बच्चे को सेवन कराने से अधिक चर्बी बनना कम होता है। तुलसी के पत्तों के 10 ग्राम रस को 100 ग्राम पानी में मिलाकर पीने से शरीर का ढीलापन व अधिक चर्बी नष्ट होती है।तथा तुलसी के पत्तों का रस 10 बूंद और शहद 2 चम्मच को 1 गिलास पानी में मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा कम होता है-

रात को सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण 15 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे मोटापा जल्दी दूर होता है। त्रिफला, त्रिकुटा, चित्रक, नागरमोथा और वायविंडग को मिलाकर काढ़ा में गुगुल को डालकर सेवन करें। त्रिफले का चूर्ण शहद के साथ 10 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार (सुबह और शाम) पीने से लाभ होता है-

हरड़ 500 ग्राम, 500 ग्राम सेंधानमक व 250 ग्राम कालानमक को पीसकर इसमें 20 ग्राम ग्वारपाठे का रस मिलाकर अच्छी तरह मिलाकर सूखा लें। यह 3 ग्राम की मात्रा में रात को गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सेवन करने से मोटापे के रोग में लाभ मिलता है-

सोंठ, जवाखार, कांतिसार, जौ और आंवला बराबर मात्रा में लेकर पीसकर छान लें और इसमें शहद मिलाकर पीएं। इससे मोटापे की बीमारी समाप्त हो जाती है-

सोंठ, कालीमिर्च, छोटी पीपल, चव्य, सफेद जीरा, हींग, कालानमक और चीता बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण सुबह 6 ग्राम चूर्ण में गर्म पानी के साथ पीने से मोटापा कम होता है-

गिलोय, हरड़, बहेड़ा और आंवला मिलाकर काढ़ा बनाकर इसमें शुद्ध शिलाजीत मिलाकर खाने से मोटापा दूर होता है और पेट व कमर की अधिक चर्बी कम होती है-

गिलोय 3 ग्राम और त्रिफला 3 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह सुबह-शाम शहद के साथ चाटने से मोटापा कम होता है-

गिलोय, हरड़ और नागरमोथा बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। यह 1-1 चम्मच चूर्ण शहद के साथ दिन में 3 बार लेने से त्वचा का लटकना व अधिक चर्बी कम होता है-

गुग्गुल, त्रिकुट, त्रिफला और कालीमिर्च बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को अच्छी तरह एरण्ड के तेल में घोटकर रख लें। यह चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मोटापा की बीमारी ठीक होती है-

तिल के तेल से प्रतिदिन मालिश करने से शरीर पर बनी हुई अधिक चर्बी कम होती है-

दही को खाने से मोटापा कम होता है।तथा छाछ में कालानमक और अजवायन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है-

100 ग्राम कुल्थी की दाल प्रतिदिन सेवन करने से चर्बी कम होती है-

पालक के 25 ग्राम रस में गाजर का 50 ग्राम रस मिलाकर पीने से शरीर का फैट (चर्बी) समाप्त होती है। 50 ग्राम पालक के रस में 15 ग्राम नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त होता है-

डिकामाली (एक तरह का गोंद) लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में गर्म पानी के साथ मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापा कम होता है-

एरण्ड की जड़ का काढ़ा बनाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से मोटापा दूर होता है।तथा एरण्ड के पत्तों का रस हींग मिलाकर पीने और मममंिनन से पका हुआ चावल खाने से अधिक चर्बी नष्ट होती है। एरंड को अंडी भी कहा जाता है -

पिप्पली का चूर्ण लगभग आधा ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साथ प्रतिदिन 1 महीने तक सेवन करने से मोटापा समाप्त होता है-

पीप्पल 150 ग्राम और सेंधानमक 30 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर कूटकर 21 खुराक बना लें। यह दिन में एक बार सुबह खाली पेट छाछ के साथ सेवन करें। इससे वायु के कारण पेट की बढ़ी हुई चर्बी कम होती है-

पिप्पली के 1 से 2 दाने दूध में देर तक उबाल लें और दूध से पिप्पली निकालकर खा लें और ऊपर से दूध पी लें। इससे मोटापा कम होता है-

जवाखार  35 ग्राम और चित्रकमूल 175 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें। यह 5 ग्राम चूर्ण एक नींबू का रस, शहद और 250 ग्राम गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट लगातार 40 दिनों तक पीएं। इससे शरीर की फालतू चर्बी समाप्त हो जाती है और शरीर सुडौल होता है। या फिर जौखार का चूर्ण आधा-आधा ग्राम दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करने से मोटापा दूर होता है-

अपने स्वस्थ एवं सुरक्षित जीवन के लिये इस पोस्ट को अवश्य पढे और पढ़ायें.

क्या आपने कभी अपने आस पास ध्यान से देखा या  सुना है कि नहाते समय बुजुर्ग को लकवा लग गया, दिमाग की नस फट गई ( ब्रेन हेमरेज),
हार्ट अटैक आ गया, छोट्टे बच्चे को नहलाते समय वो बहुत कांपता रहता है, डरता है और माता समझती है की नहाने से डर रहा है. लेकिन ऐसा नहीँ है. असल मे ये सब गलत तरीके से नहाने से होता है।
दरअसल हमारे शरीर में गुप्त विद्युत् शक्ति  रुधिर (खून) के निरंतर प्रवाह के कारण पैदा होते रहती है
जिसकी स्वास्थ्यवर्धक प्राकृतिक दिशा ऊपर से आरम्भ होकर नीचे पैरो की तरफ आती है।
सर में बहुत महीन रक्त् नालिकाये  होती है जो दिमाग को रक्त पहुचाती है।
यदि कोई व्यक्ति निरंतर सीधे सर में ठंडा पानी डालकर नहाता है तो ये नलिकाएं सिकुड़ने या रक्त के थक्के जमने लग जाते है और जब शरीर इनको सेहन नहीं कर पाता तो ऊपर लिखी घटनाएं वर्षो बीतने के बाद बुजुर्गो के साथ होती है।
सर पर सीधे पानी डालने से हमारा सर ठंडा होने लगता है, जिससे हिरदय को सिर की तरफ ज्यादा तेजी से रक्त भेजना पड़ता है जिससे या तो बुजुर्ग में हार्ट अटैक या दिमाग की नस फटने की अवस्था हो सकती है।
ठीक इसी तरह बच्चे का नियंत्रण तंत्र भी तुरंत प्रतिक्रिया देता है जिससे बच्चे के काम्पने से शारीर में गर्मी उत्त्पन्न होती है और माँ समझती है की बच्चा डर रहा है।
गलत नहाने से बच्चे की हिरदय धड़कन अत्यधिक बढ़ जाती है स्वयं परीक्षण करिऐ।
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तो आईये हम आपको नहाने का सबसे सही तरीका बताते है
बाथरूम में आराम से बैठकर या खड़े होकर सबसे पहले पैर के पंजो पर पानी डालिये , रगड़िये, फिर पिंडलियों पर, फिर घुटनो पर, फिर जांघो पर पानी डालिये और हाथो से मालिश करिऐ/ फिर हाथो से पानी लेकर पेट को रगड़िये/ फिर कंधो पर पानी डालिये, फिर अंजुली में पानी लेकर मुँह पर मलिए/ हाथो से पानी लेकर सर पर मलिए। इसके बाद आप शावर के नीचे खड़े होकर या बाल्टी सर पर उड़ेलकर नहा सकते है।
इस प्रक्रिया में केवल 1 मिनट लगता है लेकिन इससे आपके जीवन की रक्षा होती है। और इस 1 मिनट में शारीर की विद्युत् प्राकर्तिक दिशा में ऊपर से नीचे ही बहती रहती है क्योंकि विद्युत् को आकर्षित करने वाला पानी सबसे पहले पैरो पर डाला गया है।
बच्चे को इसी तरीके से नहलाने पर वो बिलकुल कांपता डरता नहीं है।